सोमदत्त
शर्मा
पटना
रैली में हुए अप्रत्याशित
धमाके आगामी लोकसभा चुनावों
में भाजपा और मोदी,
दोनों को फायदा
पहुंचाएगे। हो सकता है कि
भाजपा के लिए ट्रंप कार्ड भी
साबित हों। क्योंकि इनमें
आतंकी संगठन आईएम का हाथ होने
की पुष्टि के बाद लोगों का
मोदी से भावान्मक लगाव बढ़ा
है और इसका संदेश जन-जन
तक पहुंचा है। जो कि मोदी-भाजपा
की हिंदुत्व वादी छवि और उनके
स्लोगन नेशन फर्स्ट को मजबूत
करेगा।
तीन दशक पीछे की राजनीति को हम
ध्यान में रखकर देखें तो इंद्रा
गांधी और राजीव गांधी की आतंकी
घटनाओं में मृत्यु के बाद
कांग्रेस के समर्थन में पूरे
देश में एक लहर बनी थी। ठीक
उसी प्रकार का संदेश पटना
धमाकों के बाद आम जनता में गया
है। इसके कारण आने वाले समय
में मोदी के संबंध में लोगों
में उत्सुकता बढ़ेगी जो कि
वोट के रूप में भी तब्दील हो
सकती है।
इन सीरियल ब्लास्टों
के बाद लोगों में एक सामान्य
सा संदेश गया है की आतंकवादी
मोदी को पीएम बनते नहीं देखना
चाहते। जो कि भाजपा के पक्ष
में झुकाव का बड़ा कारण बन
सकता है। भले पूरे भारत में
न सही लेकिन हिंदी भाषी और
उत्तर भारत में भाजपा के पक्ष
में लहर उठेगी ये निश्चित है।वहीं,
धमाकों के बीच
आकर मोदी का लोगों को संबोधित
करना बड़ा और सकारात्मक पहलू
है। बिना घबराए जान की परवाह
किए बगैर जिन परिस्थितियों
में मोदी लोगों के बीच पहुंचे
और जिस प्रकार से लोगों से
शांति बनाए रखने की अपील की
वह काबिले तारीफ है। इससे मोदी
की छवि देश के राजनेताओं से
इतर बनेगी और मोदी की स्वीकार्यता
बढ़ाएगी। जो वोट बैंक(दलित)
अभी तक थोड़ा
दूर था वो भाजपा के नजदीक आ
सकता है। साथ ही मोदी की हिंदुत्व
की छवि को और मजबूत करेगा।
बीजेपी
इस घटना को चुनावों में कितना
भुनाती है ये तो आने वाला समय
ही बताएगा। लेकिन इतना निश्चित
है कि आगामी 2014 लोकसभा
चुनावों में भाजपा इन धमाकों
की ठीक उसी तरह से तस्वीर बनाने
की कोशिश करेगी जो कि पूरे देश
में इंद्रा गांधी और राजीव
गांधी की मृत्यु के बाद उभरी
थी।
(29.10.13, घटना
के दो दिन बाद)